करोनाकाल पार्ट 2 की तस्वीरें आए दिन बद से बद्दतर होती जा रही हैं. कानपुर में कोविड के बढ़ते मरीजों के चलते कानपुर प्रशासन ने 16 निजी अस्पतालों को कोविड अस्पतालों में तब्दील कर दिया है। जहाँ सिर्फ कोविड मरीजो को भर्ती किया जा रहा है पर इन कोविड अस्पतालों की जमीनी हकीकत क्या है उसका अंदाजा केवल कोविड के एक निजी अस्पताल में तैनात नोडल अधिकारी अजीत सिंह के इस बयान से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में न आक्सीजन है,न इंजेक्शन और न जरूरी दवाएं मौजूद हैं।
निजी हॉस्पिटल के कोविड सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई दिनों से अस्पताल में आक्सीजन की किल्लत है। मौजूद आक्सीजन के सिलेंडरों को बार बार रिफिलिंग कराकर काम चलाया जा रहा है। नोडल अधिकारी की माने तो कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को लिखित और मौखिक जानकारी दे कर आक्सीजन की मांग की गई है पर अब तक कोई सुनवाई होती नहीं दिखाई दे रही है।
अस्पताल में 35 कोविड बेड़ो की व्यवस्था की गई है पर आक्सीजन की कमी के चलते अब तक केवल चार मरीजों को ही भर्ती किया जा सका है। बात सिर्फ ऑक्सीजन की कमी तक ही सीमित नहीं है जानकारी करने पर पता चला कि *रेमडेसीविर इंजेक्शन और फेबिफ्लू* जैसी कॅरोना की जरूरी दवाएँ भी मरीजों तक नही पहुंच पा रही हैं।