जयपुर: प्रदेश के 12 जिलों के जिला परिषद और पंचायत समितियों के अगस्त में होने वाले चुनाव पर एक बार फिर से संकट मंडराने लगा है। हाईकोर्ट द्वारा 3 जिलों की 5 पंचायतों में चुनाव कराने पर रोक लगा दी है।
अब आगामी 13 अगस्त को राज्य निर्वाचन आयोग हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। अगर हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने की अनुमति प्रदान की तो चुनाव संभव हो पाएंगे। 12 जिलों के जिला परिषद और पंचायत समितियों के पुनर्गठन का काम भले ही पूरा हो गया हो, लेकिन फिर भी इन चुनावों विवाद होता नजर आ रहा है।
चुनाव वाले 12 जिलों में से तीन कोटा, करौली और बारां जिले की क्रमशः खेड़ली तंवरान, किशोरपुरा, गोठड़ा, बार्ला और मेरमा चाह ग्राम पंचायत के पुनर्गठन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। दूसरी तरफ प्रदेश में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में आई कमी के बाद राज्य निर्वाचन आयोग पंचायतीराज चुनाव से शेष रहे इन 12 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन पंचायतों के पुनर्गठन में रही खामियों की वजह से यह अड़चन आ रही है।
हालांकि हाईकोर्ट के नोटिस को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इससे चुनाव पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। 13 अगस्त को होने वाली सुनवाई में आयोग अपना पक्ष रखने के साथ हाईकोर्ट से चुनाव कराने की अनुमति कोशिश करेगा। हालांकि आगे की प्रक्रिया हाईकोर्ट के आदेश पर निर्भर करेगी।
हाईकोर्ट आयोग और पंचायतीराज विभाग की दलील से सहमत हो जाता है तो 3 जिलों की पांच पंचायतों के चुनाव पर गई रोक हट सकती है। अगर हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक हटा दी तो राज्य निर्वाचन आयोग 15 अगस्त के बाद चुनाव कार्यक्रम जारी कर सकता है। सबकुछ ठीक रहा तो पहले चरण में निर्वाचन आयोग 12 में से 7 जिलों में चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके लिए उन जिलों के कलेक्टर्स से आयोग ने चर्चा कर ली है।
कलेक्टर्स को आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश दिए गये हैं। राज्यनिर्वाचन आयोग की मानें तो शुरआत में भरतपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर, सिरोही और श्रीगंगानगर जिलों में चुनाव कराने के लिए तैयार है औरइन जिलों में यहां पर ईवीएम की फर्स्ट लेवल चैकिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है।